26 फरवरी 2019 को दूरसंचार विभाग के आदेश के अनुसार, ‘सक्षम प्राधिकरण ने वरिष्ठ प्रशासनिक स्तर (एसएजी) के अधिकारी आशीष जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.’ वह संचार लेखा नियंत्रक, उत्तराखंड में तैनात थे।
आपको बताते चले उस समय कपिल मिश्रा दिल्ली में आम आदमी पार्टी का बागी विधायक माने जाते थे। आज हालंकि मिश्रा जी बीजेपी की महिमा गाते नहीं थकते हैं। लेकिन एक वक्त था जब इन साहब ने पुलवामा हमले के बाद ट्विटर पर एक कविता डाली।
ये कविता कम, भड़काऊ भाषण ज्यादा लगती थी कविता में एक लाइन मिश्रा ने कही, ‘मोदी जी तुम देखो जो दुश्मन हैं सीमा पार, बाकी जनता निपटा देगी घर में छिपे हुए गद्दार, आशीष जोशी ने इसके लिए दिल्ली पुलिस कमीशनर अमुल्य पटनायक को लिखित शिकायत दी।
हालंकि उस समय सरकार और दिल्ली पुलिस कमीशनर को चाहिए था कपिल मिश्रा पर इस तरह की भड़काऊ बात करने के लिए कार्रवाई करते। मगर वंहा ऐसा नहीं हुआ मिनिस्ट्री ने आशीष जोशी पर ही कार्रवाई कर दी।
न तो जोशी को तलब किया और न ही कोई सफाई मांगी कि उन्होंने ये शिकायत क्यों की? उल्टा आशीष जोशी की सस्पेंशन के ऑर्डर दे दिए गए। दूरसंचार विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल ओपी जैरथ की तरफ से ये ऑर्डर जारी हुआ जिसमें लिखा था कि आशीष जोशी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के ऑर्डर सक्षम विभाग से दिए गए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक मिनिस्ट्री में सूत्रों ने कहा है कि आशीष जोशी को सस्पेंड इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होंने अपनी पॉजिशन का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने जो पत्र पुलिस कमीशनर को लिखा है वो ऑफिशियल पॉजिशन से लिखा है, न कि पर्सनल कैपेसिटी में। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि जोशी ने पत्र लिखने से पहले अपने सीनियर अधिकारियों को विश्वास में नहीं लिया।
वहीं अखबार के मुताबिक जोशी पर ये जो कार्रवाई हुई है वो कपिल मिश्रा की शिकायत करने के लिए ही नहीं, बल्कि कुछ दिन पहले टेलीकॉम ऑपरेटरों को एक पत्र लिखने के लिए भी हुई है। टेलीकॉम ऑपरेटरों को लिखते हुए जोशी ने कहा था- कई जाने माने लोगों जैसे पत्रकार रवीश कुमार और अभिसार शर्मा आदि को भद्दे और गंदे मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसलिए आपको निर्देश दिया जाता है कि आप उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो ये काम कर रहे हैं।
हैरानी की बात ये डिपार्टमेंट ने उन्हें सफाई देने का भी मौका नहीं दिया। अब इसे कपिल मिश्रा अपनी उपलब्धि की तरह ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी ठींग मारते दिख रहे हैं।
ऐसे वक्त में जब भीड़ छोटी सी बात पर भी जानलेवा हो जाती है, कपिल मिश्रा की ऐसी अपील समाज के लिए खतरा हैं या नहीं, खुद तय कर लीजिए और कमेंट बॉक्स में बताइए कि आप इस पर क्या सोचते हैं।
दिल्ली हिंसा मामले पर कपिल मिश्रा पर लग रहे आरोप
“दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम- जाफ़राबाद और चांद बाग़ की सड़कें खाली करवाइए इसके बाद हमें मत समझाइएगा, हम आपकी भी नहीं सुनेंगे, सिर्फ तीन दिन.”
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के इस बयान के तीन दिन भी नहीं गुजरे और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाक़ों में आग जलने लगी। कई लोगों का ये आरोप है कि कपिल मिश्रा के इस बयान के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालात बिगड़ने लगे।
यहां तक कि बीजेपी के ही नेता और सांसद गौतम गंभीर को ये कहना पड़ गया, “चाहे वो कपिल मिश्रा हों या कोई भी हों, जिसने भी भड़काऊ भाषण दिए हैं, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए. ये अब किसी पार्टी का मुद्दा नहीं रह गया है, ये पूरी दिल्ली का मुद्दा है. कपिल मिश्रा पर जो भी कार्रवाई होगी मैं उसका समर्थन करता हूं.”
कपिल मिश्रा पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप कोई पहली बार नहीं लगे हैं। जनवरी की 23 तारीख़ को उन्होंने ट्वीट किया था, “8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला होगा.”