उत्तर प्रदेश के कानपुर में आज मंगलवार 27 अक्टूबर को यूपीसीडा के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी सीओ कैंट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने की है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी को लखनऊ कोर्ट में पेश करेगी।
गौरतलब है कि आरोपी ने महज कागजों पर ही 2 करोड़ 11 लाख रुपये का प्रोजेक्ट पास करवाकर गबन कर लिया था।
बसपा शासनकाल में कानपुर के गांव सजारी के पास मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत मकान बनाए गए थे। इसे जोड़ते हुए चकेरी औद्योगिक क्षेत्र से गांव पाली तक लोक निर्माण विभाग ने सड़क बनाई थी। पीडब्ल्यूडी ने अपने ठेकेदार को नियमतः भुगतान कर दिया।
करोड़ों की संपत्ति हासिल करने वाले अरूण मिश्रा नोएडा की ट्रॉनिका सिटी घोटाले में भी आरोपित हैं। यूपीएसआईडी के चीफ इंजीनियर अरूण मिश्रा पर कई आरोप लग चुके हैं।
वर्ष 2012 में बनी उन्होने कागजों पर ही कई सड़कों का निर्माण करवा कर करोड़ों रूपए डकारने का काम किया। उन पर इंजीनियिरिंग की डिग्री हासिल करने में भी हेरफेर करने का आरोप लग चुका है।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि चकेरी पाली रोड निर्माण के घोटाले में अरुण मिश्र आरोपी हैं। एसपी ने बताया कि शासन की मंजूरी के बाद मंगलवार को रामादेवी चौराहे के पास से अरुण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले में जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में तत्कालीन प्रबंध निदेशक इफ्तिखारुद्दीन ने अजीत सिंह, नागेंद्र सिंह, एसके वर्मा और फर्म कार्तिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस की जांच में प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा का नाम आरोपियों में सामने आया था