अगली बार जब आप देश के किसी भी नेशनल हाइवे से गुजर रहे हैं और आपको टोल पर तीन मिनट से ज्यादा इंतजार करना पड़े तो टोल ना दें। हालांकि सुनने में यह जितना भी अच्छा लग रहा हो लेकिन वास्तविकता में ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता। मगर आपको यह जानकारी दे दें कि नियम के मुताबिक ऐसी सुविधा दी हुई है।
दरसल देश के अधिकतर टॉपलज़ा पर लम्बी लाइन और इंतजार में जहाँ पेट्रोल फूंकना पड़ता है वंही लम्बे इंतजार में समय के बर्बादी के बाद भी उनको पैसा देना पड़ता है अब यात्रा कर सुविधा का क्या फायदा। लखनऊ से रायबरेली और लखनऊ से कानपुर एवं लखनऊ से फैज़ाबाद अगर इन राष्ट्रीय राजमार्गो की ही बात करें तो 10 मिनट से काम समय शायद ही कभी लगा हो।
फ़ास्ट टैग गड़बड़ी :
इतना ही नहीं फ़ास्ट टैग गड़बड़ी और समस्या को जन्म दे रही है कई बार आने में फ़ास्ट टैग काम करता तो जाने में इस तरह टोल प्लाजा कर्मचारी इसकी जिम्मेदारी कमपनी पर डाल देते है। अधिक पैसा लेकर वाहन पास दिया जाता है।
कितना इंतजार करने का है नियम ?
दरअसल NDTV के मुताबिक, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा एडवोकेट हिरओम जिंदल को आरटीआई के जवाब में बताया गया कि अगर वाहन चालक को टोल प्लाजा पर 2 मिनट 50 सेकेंड से ज्यादा वक्त लाइन में इंतजार करना पड़ता है तो वह बिना टोल चुकाए जा सकता है।
NHAI ने जवाब में लिखा, “इंतजार करने की समय सीमा 3 मिनट की है।” इसमें आगे बताया गया कि वाहन को 2 मिनट 50 सेकेंड तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ सकता है।
जिंदल ने आरटीआई में पूछा कि क्या ये समय अलग-अलग काऊंटरों के लिए विभिन्न है?
तो जवाब मिला कि नहीं ऐसा नहीं है.
जिंदल ने अगला सवाल पूछा कि अगर गाड़ी चलाने वाले को कतार में 3 मिनट से ज्यादा का समय लग जाए तो इस परेशानी के एवज में उसे क्या छूट दी जाएगी?
जवाब में बताया गया कि “अगर इंतजार 3 मिनट से ज्यादा का हो जाता है तो मुफ्त में निकल जाने का प्रावधान है।”
जिंदल ने बताया कि लुधियाना और दिल्ली तथा चंडीगढ़ और अंबाला के बीच यात्रा करने के दौरान कई बार उन्हें टोल भुगतान के लिए बहुत अधिक इंतजार करना पड़ा, इससे परेशान होकर उन्होंने यह आरटीआई डाली थी। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को टोल पर जाने से एक घंटा या आधा घंटा इंतजार करना पड़े तो उस रोड पर चलने का उद्देश्य ही खत्म हो जाता है।
हालंकि आज भी देश के धिकतर टोल प्लाजा एक तरफ जनता को ठग रहे है। अधिकत टोल प्लाजा टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। साफ पीने का पानी नहीं है और औसत समय 10 मिनट है इस दौरान वाहन चालू रहता जो ईंधन जलता है उसका जिम्मेदार कौन ?