दिल्ली दंगों को लेकर दायर की गई चार्जशीट में बीजेपी नेता (BJP) नेता कपिल मिश्रा का कहीं कोई जिक्र नहीं है। दंगों के घटनाक्रम में हिंसा के लिए जामिया प्रदर्शनकारियों और नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
कपिल मिश्रा के “भड़काऊ” भाषण पर दिल्ली पुलिस ने “चुप्पी” साध रखी है। नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल मिश्रा का “रास्ता खाली कराएंगे” की धमकी का कहीं ज़िक्र नहीं है। दंगों की साज़िश में सिर्फ़ जामिया और नागरिकता कानून के विरोधियों पर आरोप है।
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आपको बता दें कि दिल्ली हिंसा से पहले कपिल मिश्रा उत्तर पूर्वी दिल्ली पहुंचे थे और वहां सीएए का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ भाषणबाजी की थी।
मिश्रा का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वह दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए दिख रहे थे कि तीन दिन में रास्ता खाली करवा दें, वरना खतरनाक अंजाम होगा।
वहीं, दिल्ली दंगों की साज़िश के मामले में एसआईटी ने खालिद सैफी को गिरफ्तार किया है. खालिद सैफी को चांद बाग में हुई हिंसा की साजिश में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है।
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चांद बाग हिंसा में आम आदमी पार्टी से निष्कासित ताहिर हुसैन ( Tahir Hussain) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। दिल्ली दंगों के पहले उमर खालिद और ताहिर हुसैन के बीच सैफी ने ही शाहीनबाग में मीटिंग करवाई थी। 8 जनवरी को शाहीनबाग में हुई मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन के घर के बाहर गोली लगने से घायल हुए अजय गोस्वामी की हत्या की कोशिश के मामले में चार्जशीट अदालत में दायर की थी।
चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि ताहिर हुसैन ने ही आरोपियों से कहा था कि बड़े दंगे के लिए तैयार रहना है और उसने आरोपियों को पैसे भी दिए थे।
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चांदबाग इलाके में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में 1030 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के ‘निलंबित’ पार्षद ताहिर हुसैन को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है।
मामले में ताहिर हुसैन उसका भाई शाह आलम समेत कुल 15 आरोपी बनाए गए हैं. FSL रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि ताहिर हुसैन के घर-दफ्तर की जानबूझकर DVR खराब की गई थी ताकि CCTV फुटेज सामने न आ पाएं।
हिंसा के पहले ताहिर हुसैन के घर और दफ्तर में रोजाना करीब 25 से 50 लोगों की मीटिंग होती थी।