उत्तर प्रदेश के अलीगढ में एक निजी अस्पताल पर आरोप लगा है कि उसके कर्मचारियों ने बिल चुकाने में असमर्थ एक मरीज़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
एक चैनल से बात करते हुए अलीगढ़ के एसपी (सिटी) अभिषेक ने बताया, ”मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के ख़िलाफ़ शिकायत दी है जिसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.”
हालंकि उन्होंने कहा, ”हमें सीसीटीवी वीडियो मिला है जिसमें मारपीट होती दिख रही है. परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज़ और उन पर हमला किया.” लेकिन पोस्टमार्टक आने के बाद ही सब कुछ साफ होगा।
जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम सुल्तान ख़ान था। परिजिनों का कहना है कि उन्हें पेशाब न होने की शिकायत के बाद एनबी अस्पताल लाया गया था।
मरीज के परिजन का कहना है “हमने मरीज़ को भर्ती कराने से पहले अस्पताल से पूछा था कि हमें ख़र्च बता दें, हमारा हिसाब होगा तो हम इलाज करा लेंगे। लेकिन अस्पताल ने कहा कि पहले जांच की जाएगी उसके बाद ख़र्च बताया जाएगा.”
‘‘बिना अल्ट्रासाउंड कराए ही उन्होंने पांच हज़ार रुपए की दवा दी और कहा कि रोज़ाना इलाज में पांच हज़ार रुपए से अधिक ख़र्च आएगा। हमने कहा कि इतना महंगा इलाज हम नहीं करा पाएंगे, जो दवा ली थी वो वापस करके हमने सैंतीस सौ रुपए का भुगतान कर दिया.’‘
मरीज के परिजन ने कहा –
आगे उन्होंने कहा ”अस्पताल प्रशासन ने हमसे चार हज़ार रुपए और मांगे, हमने पूछा ये किसलिए तो उन्होंने कहा ये अस्पताल में भर्ती होने का बिल है। मैंने कहा ये मैं नहीं दे पाउंगा। मैं अपने मरीज़ को दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहता था लेकिन उन्होंने जाने नहीं दिया।
हमें पंद्रह मिनट तक रोका रखा। मैं मिन्नतें करता रहा, वो नहीं माने। फिर मैंने धक्का दिया जिसके बाद उन्होंने हम पर हमला कर दिया। मेरे चाचा को डंडों से मारा जिससे उनकी मौत हो गई।”
अस्पताल प्रशासन का क्या कहना है?
अस्पताल के मालिक शान मियां ने कहा कि विवाद अस्पताल में कराई गई जांचों के बिल को लेकर हुआ है।
जब अस्पताल प्रशासन ने उनसे कहा कि मरीज़ का ऑपरेशन होगा और उसके लिए कोरोना की जांच होनी ज़रूरी है तो उन्होंने कहा कि हम कोरोना की जांच नहीं कराएंगे और अपने मरीज़ का कहीं और इलाज कराएंगे।
शान मियां ने कहा, “वो अपने मरीज़ को बिना बिल चुकाए ही लेकर जा रहे थे, अस्पताल के कर्मचारी ने जब उनसे पैसे मांगे तो हमला किया।
वो कहते हैं, “उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच कर रही है और अस्पताल प्रशासन सहयोग कर रहा है। मृतक की पोस्टमार्ट रिपोर्ट अभी नहीं आई है, यदि मौत की वजह लाठी लगना है तो पुलिस क़ानून संगत एक्शन ले, लेकिन हमें बेवजह परेशान न किया जाए.”
कितना फीस लेते निजी अस्पताल :
शान मियां के मुताबिक यदि किसी मरीज़ को देखने के लिए डॉक्टर को बुलाया जाता है तो हर विज़िट पर हज़ार रुपए चार्ज किए जाते हैं। इसके अलावा बाकी जो जांच होती हैं उनकी दर तय है और वो मरीज़ को पहले ही बता दी जाती है।
कुछ भी हो सरकारी और निजी मेडिकल अस्पतालों के शुल्क में जमीन आसमान का अंतर है ऐसी घटनाएं दिखती है कि निजीकारण के बाद आम जनता का इलाज कितना मुश्किल हो जायेगा। गौरतलब ऐसे महामारी और भविष्य को देखते हुए सरकार को स्वास्थ्य सेवाए का राष्ट्रीयकरण करना चाहिए ताकि गरीब और सामज के हर तबके को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके।
वहीं, पुलिस का कहना है कि फ़िलहाल मारपीट की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है. यदि पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह मारपीट साबित होती है तो हत्या का मुक़दमा दर्ज किया जाएगा.